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राजीव गांधी की हत्या के दोषी क्यों उठा रहे उत्तर भारतीयों पर अंगुली

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रविचंद्रन ने कहा- हमें आतंकी नहीं पीडि़त की तरह देखें उत्तर भारतीय

Rajiv Gandhi assassination case : Nalini Sriharan & other convict released : सर्वोच्च न्यायालय से समय पूर्व रिहा हो चुके पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के दोषियों के बयान आजकल चर्चा में हैं। इन बयानों को सुनकर हैरत में पड़ना लाजिमी है, क्योंकि उस समय के सबसे बड़े नेता एवं एक पूर्व प्रधानमंत्री को बम से उड़ा दिया गया था और आज दोषी इस अपराध में अपनी मिलीभगत भी मानने को तैयार नहीं हैं। सर्वोच्च अदालत ने नलिनी श्रीहरन और आर पी रविचंद्रन समेत 6 दोषियों को रिहा कर दिया है। इस रिहाई के बाद जहां सर्वोच्च न्यायालय के फैसले पर सवाल उठ रहे हैं, वहीं दोषियों के बयानों से भी उनकी असलियत सामने आने लगी है।
 
अगर यह कहा जाए कि दोषियों ने जेल से बाहर आने के बाद (victim card by nalini sriharan) विक्टिम कार्ड खेलना शुरू कर दिया है तो गलत नहीं होगा। दरअसल, इस पूरे मामले को दक्षिण बनाम उत्तर बनाने की कोशिश की जा रही है। राजीव गांधी उत्तर भारत से थे, लेकिन उनकी हत्या दक्षिण के दोषियों ने की। बेशक, देश का संविधान और कानून उत्तर और दक्षिण नहीं देखता है, लेकिन दोषी जरूर खुद को दक्षिण का बताकर उत्तर भारत के लोगों पर अंगुली उठा रहे हैं। 

 

उत्तर भारतीय हमें हत्यारे नहीं, पीड़ित के रूप में देखें 
जेल से रिहा होने के बाद आरपी रविचंद्रन ने कहा- उत्तर भारत के लोगों को हमें आतंकी या हत्यारे के तौर पर देखने की बजाय पीड़ित के रूप में देखना चाहिए। वहीं नलिनी श्रीहरन का कहना है- मेरे इस दृढ़ विश्वास ने मुझे इतने वर्षों तक जीवित रखा कि मैं निर्दोष हूं। नहीं तो मैं अपनी जीवन लीला समाप्त कर लेती। क्या आपको लगता है कि मैंने पूर्व प्रधानमंत्री की हत्या की है। मेरे ऊपर हत्या के 17 मामले दर्ज किए गए हैं।

 

आखिर हत्या के दोषी पीड़ित कैसे
आर पी रविचंद्रन का यह बयान समझ से परे है, जिसमें वह कह रहा है कि उत्तर भारत के लोगों को उन्हें आतंकवादी की तरह नहीं अपितु पीड़ित के रूप में देखना चाहिए। राजीव गांधी की हत्या के दोषी क्या पीड़ित हो सकते हैं। आखिर वे क्यों चाहते हैं कि उन्हें पीड़ित की तरह देखा जाए। क्या वे यह कहना चाहते हैं कि उन पर लगे  आरोप सही नहीं थे। जबकि जिस सर्वोच्च न्यायालय से उन्हें समय पूर्व रिहाई मिली है, उसी अदालत ने उन्हें जेल की सलाखों के पीछे पहुंचाया था। 

 

समय बताएगा कि हम निर्दोष हैं : रविचंद्रन
रविचंद्रन ने कहा- समय और सत्ता यह तय करती है कि कौन आतंकवादी है और कौन स्वतंत्रता सेनानी है। समय बताएगा कि हम निर्दोष हैं चाहे हम पर आतंकवादी होने का ही आरोप क्यों न हो। गौरतलब है कि 30 साल जेल की सलाखों के पीछे रहने के बावजूद रविचंद्रन का यह बयान है कि समय बताएगा कि वे निर्दोष हैं। क्या दोषियों का इरादा राजनीति में उतर कर जनता की भावनाओं को कैश करके अपना फायदा निकालने का तो नहीं है? 

 

जब जेल में नलिनी से मिली थी प्रियंका गांधी 
55 वर्षीय नलिनी श्रीहरन ने मीडिया से बातचीत में कहा है कि 32 वर्षों के दौरान जेल में रहना नारकीय अनुभव था। उनका आगे कहना है- मेरे इस विश्वास ने ही मुझे इतने साल तक जीवित रखा कि मैं निर्दोष हूं। नलिनी ने लंदन में अपनी बेटी के पास जाने और भविष्य में अपने पति और बेटी की देखभाल की इच्छा जताई। नलिनी श्रीहरन ने कहा कि (when Priyanka gandhi met nalini sriharan in jail) प्रियंका गांधी ने उनसे वर्ष 2008 में जेल में मुलाकात के दौरान अपने पिता राजीव गांधी की हत्या के बारे में पूछा।


प्रियंका गांधी ने जानना चाहा था हत्या के बारे में 
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वर्ष 2008 में वेल्लोर केंद्रीय जेल में नलिनी से मिलने पहुंची तो बकौल नलिनी, प्रियंका भावुक हो गई थीं। वे रो रही थीं। जाहिर है, यह क्षण बेहद संवेदनशील थे, वे उस महिला से मिल रही थीं, जोकि उनके पिता की दोषी करार दी गई थी। नलिनी ने मीडिया को बताया कि प्रियंका गांधी ने मुलाकात में अपने पिता की हत्या के बारे में जानना चाहा था। नलिनी कहती है-वह जो कुछ जानती थी, उसके बारे में प्रियंका गांधी को बता दिया। 

 

संवेदनाओं से सरोकार होता तो न करते हत्या
हालांकि इस मुलाकात के दौरान अन्य बातों के बारे में खुलासा करने से उन्होंने इनकार कर दिया, यह कहते हुए कि यह प्रियंका के निजी विचारों से संबंधित हैं। जाहिर है, प्रियंका गांधी ने उस समय अपने पिता के संबंध में अपनी भावनाओं को जाहिर किया होगा। लेकिन दोषियों का उन भावनाओं से कोई सरोकार नहीं रहा, न हत्या से पूर्व और न ही हत्या के बाद। क्योंकि लिट्टे जिस काम को अंजाम देना चाहता था, उसे दोषियों के जरिए उसने पूरा करा लिया था। मालूम हो, 21 मई 1991 को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की तमिलनाडु के श्रीपेरम्बुदूर में एक आत्मघाती महिला हमलावर (dhanu rajiv killer) धनु ने हत्या कर दी थी।